Lekhika Ranchi

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जातक कथा संग्रह

जातक कथासंग्रह


मेत्रेयः भावी बुद्ध-

पालि परम्परा में मेत्रेय भावी बुद्ध के रुप में जाने जाते हैं। (संस्कृत ग्रंथों में इनका नाम मैत्रेय है )

 परम्परा में यह मान्य है कि इनका जन्म तब होगा जब मनुष्यों का औसतन जीवन-काल चौरासी हज़ार वर्षों का होगा।

मेत्रेय का जन्म एक प्रसिद्ध विद्वत्-कुल में अजित के नाम से केतुमती नामक एक स्थान में होगा।

 इनके पिता का नाम सुब्रह्मण तथा माता का नाम ब्राह्मवती होगा। इनकी पत्नी की नाम चंदमुखी और पुत्र का नाम ब्रह्मवड्ढन होगा।

अभी मेत्रेय तुसित नामक देवलोक में नाथ के नाम से निवास कर रहे हैं। 

इन्हें विश्वपाणि भी कहा जाता है। महामाया के पेट में गर्भस्थ होने से पूर्व गौतम ने विश्वपाणि को ही तुसितलोक का उत्तराधिकार सौंपा था। 

चूँकि मेत्रेय ने अभी तक सांसारिकता का त्याग नहीं किया है। अत: चित्रों व प्रतिमाओं में मुकुट के साथ ही दर्शाए जाते हैं।

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समाप्त
साभारः जातक कथाओं से संकलित

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